Browsing Category

कथाएँ

माँ गायत्री की व्रत कथा

गंगा दशहरा के अगले दिन यानी ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनायी जाती है। हालांकि कुछ जगहों पर गंगा दशहरा और गायत्री जयंती की तिथि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को माना जाता है। इतना ही नहीं, श्रावण पूर्णिमा…
Read More...

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना कैसे हुई? जानें यहाँ

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग द्वादश ज्योतिर्लिंग में 10वां स्थान नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का आता है.  शिव पुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन 12 ज्योतिर्लिंग के स्मरण मात्र से व्यक्ति के हर कष्ट दूर हो जाते हैं. द्वादश ज्योतिर्लिंग में 10वां स्थान…
Read More...

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर की कैसे हुई स्थापना? जानें यहाँ

रामेश्वरम मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर में शिव जी के दर्शन करने मात्र से ब्रह्म हत्या जैसे पापों से भी मुक्ति मिल जाती है।यह दक्षिण भारत में तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थिति है। यह भारत ही…
Read More...

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर की कैसे हुई स्थापना? और जानें महत्व और कथा ,

मल्लिकार्जुन द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक हैं. सावन के पवित्र माह में मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन से भक्तों के सभी मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं. जानते हैं इस धाम की महीमा. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक…
Read More...

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, का जानें महत्व और कथा

काशी की बात हो और काशी विश्वनाथ मंदिर की बात न हो, ऐसा कैसे हो सकता है. भगवान शिव का यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में गंगा नदी के किनारे स्थित है. काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इस मंदिर को…
Read More...

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग,प्रथम ज्योतिर्लिंग है , चंद्रमा ने की थी स्थापना, जानें महत्व और कथा

श्री  सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर भारत के बारह(12) ज्योतिर्लिंगों में से सबसे प्रथम है।  सोमनाथ मे सोम का अर्थ है चंद्र देव (चंद्रमा), तथा नाथ का अर्थ भगवान है। सोमनाथ प्राचीन काल से ही तीन नदियों कपिला, हिरण्या और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर…
Read More...

जब चिंता में डूबे विभीषण को प्रभु राम ने गिनाईं अपने ‘अदृश्य’ रथ की खूबियां

सोच से छुड़ाने वाले श्री रामजी बहुत प्रकार से सोच कर रहे हैं. उनके कमल की पंखुड़ी के समान नेत्रों से (विषाद के आंसुओं का) जल बह रहा है. भक्तों पर कृपा करने वाले भगवान ने लीला करके मनुष्य की दशा दिखलाई है. प्रभु के (लीला के लिए किए गए)…
Read More...

उज्जैन का रूपेश्वर महादेव मंदिर, जहां एक साथ विराजमान हैं दो शिवलिंग

यदि आपको लगता है कि आपके बनते काम बिगड़ रहे हैं और आप जो भी करने का प्रयास कर रहे हैं, उसमें सिर्फ और सिर्फ आपको नकारात्मकता ही प्राप्त हो रही है तो फिर आप 84 महादेव में 62वां स्थान रखने वाले श्री रूपेश्वर महादेव का दर्शन पूजन करिए, जहां…
Read More...